Monday, March 30, 2015

मि‍लेगा तो देखेंगे- 10 (फुटकर नोट्स)


1-
हमने नशा नहीं कि‍या था, पर नशे में थे। उनने नशा भी कि‍या था और ज्‍यादा नशा करने के उनके पास ज्‍यादा कारण थे। वो शोर मचा रहे थे, संगीत बजा रहे थे। शोर और संगीत हममें भी खूब मच और बज रहा था। वो दि‍ल्‍ली जीत लेने पर आह्लादि‍त थे, हम खुद को हार जाने पर... हमारे सामने ये ति‍रंगा मंद हवा में अलट पलट रहा था। और भी बहुत कुछ अलट पलट रहा था। शोर था, संगीत था, नशा था और ति‍रंगा भी था। बस ये हवा ही कुछ धीमी हो चली थी...। अब शायद कई लोगों के लि‍ए सांसों को लंबा करके छोड़ने का वक्‍त आ गया है।
2-
कॉफी लेंगे सर। पानीदार प्‍लास्‍टि‍क की ट्रे में थर्माकोल के ग्‍लास में फूली हुई कॉफी दि‍खाकर उसने पूछा। हमने कहा नहीं। उसने कहा केजरीवाल की कॉफी है। हमने कहा नहीं, हम चाय पीते हैं। उसने कहा चाय का जमाना गया, अब आपका वक्‍त है। हमने फि‍र भी कहा कि नहीं, हमने चाय ही पीनी है। वो हमारे बीच कॉफी का ट्रे ढक्‍कन लगवाकर रखकर चाय लाने चला गया। हमने कॉफी के कपों के साथ दूरि‍यां बरतकर रखीं। ति‍रंगा अब भी लहराकर फैलने की पुरजोर कोशि‍श कर रहा था। कॉफी के पानीदार प्‍लास्‍टि‍क के ढक्‍कन पर पांच साल केजरीवाल का स्‍टीकर लगा था। हम आज शाम ही आइंदा के सालों का वायदा ले लेना चाह रहे थे... वहां साल लि‍मि‍टेड थे, यहां अनलि‍मि‍टेड। पॉलि‍टि‍क्‍स अभी भी लि‍मि‍टेशंस तोड़ देती है।
3-
हम दया करते हैं तो प्रेम नहीं कर सकते। उसने कहा। हम प्रेम करते होंगे तो शायद दया नहीं कर सकते। मैने सोचा। इस बार हवा जरा सी तेज चली और तिरंगा उड़कर आधा हो गया। उसने कहा- यू सक्‍स। उधर संगीत और नारों का शोर दोबाला हो गया। इधर संगीत का वॉल्‍यूम धीमा होता गया और शोर बढ़ता गया। थककर कई सारे चरसी मैदान में औंधे पड़े थे और हम एक बाउंड़ी वॉल पर। हम सब थके थे। हम सब सीमाओं में बंधे थे। हम सब बंधन तोड़ने की लंबे अर्से से कोशि‍श कर रहे थे। हम सब बंधन तोड़ चुके थे... या फि‍र हमें बस लग रहा था कि हम सबकुछ तोड़ चुके हैं।
4-
हम जीत चुके हैं, इसलि‍ए बाद में बात करेंगे। आप ने कहा। हम हारकर थक चुके हैं, इसलि‍ए बात नहीं करेंगे। उसने कहा। हमारे पास बहुत सारे अधूरे काम हैं। आप ने कहा। हमारे पास बहुत से अधूरे काम हैं। उसने कहा। हमें सीमाएं नहीं तोड़नी चाहि‍ए। आप ने कहा। हमें सीमाएं नहीं तोड़नी चाहि‍एं। उसने कहा। सबको अपने बच्‍चे पालने हैं। आप ने कहा। सबको अपने बच्‍चे पालने हैं। उसने कहा। पालि‍का बाजार की उन अचानक तंग होती सीढ़ि‍यां में अपना पैर कि‍सी की एड़ि‍यों तले दबवाते मैं सोचता रहा... मैं कहां कि‍सके तले इस वक्‍त होउंगा।
5-
कल खुशी की रात थी। कि‍सी को नींद नहीं आई। आज वि‍जय की रात है, जीतने वाले चैन की नींद सोएंगे। हारने वालों की बैटरी बार बार लो होगी, फि‍र भी वो उसे चार्ज नहीं करेंगे। बैटरी चार्ज करने के बावजूद हारने वालों को जीतने में कोई मदद नहीं मि‍लने की, भले ही बैटरी फुल चार्ज हो। एफबी पर फोटो मैसेज दि‍खा- जीत हार में बस हार जीत जि‍तना ही फर्क होता है।

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