Saturday, March 11, 2017

अब तौ फि‍र उधिरइहैं राम, सबका कचर के जइहैं राम

अब तौ फि‍र उधिरइहैं राम
सबका कचर के जइहैं राम
मार पीट दंगा फसाद मा
सबसे उप्‍पर रहि‍हैं राम।

दिसि दिगंत बि‍स भरिहैं राम
बिस-बिस से अब मरिहैं राम
जैदी भइया ना रोवा हो
मंदिर का ना तरिहैं राम।

लाल त कब से हारा बइठा
तब्‍बौ लाल हरइहैं राम
लाल लाल ही बोल बाल के
लालै लाल लगइहैं राम।

भय अंजोर अब भय कै भइया
चलत रेल फुंकवइहैं राम
पकड़ के दाढ़ी दै के गारी
फि‍र चक्‍कू चलवइहैं राम।

-रेजिंग राहुल, हैरिंग्‍टनगंज मिल्‍कीपुर वाले

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